India News HP (इंडिया न्यूज़), Navratri 2024: 9 अप्रैल से नया साल 2081 शुरू हो रहा है. हिंदू नववर्ष के साथ ही वासंतिक नवरात्रि भी शुरू हो जाती है। ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी, जो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है. वासंतिक नवरात्र नौ दिनों तक चलेगा। इसमें 15 अप्रैल को दुर्गा सप्तमी, 16 अप्रैल को कन्या पूजा और 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी.
घटस्थापना के लिए मुहूर्त:
मंगलवार को प्रातः 07:54 बजे से प्रातः 09:50 बजे तक स्थिर लग्न और वृषभ लग्न में घटस्थापना के लिए अत्यंत शुभ समय है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है, जिसमें आप घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा दोपहर 02:24 बजे से 03:00 बजे तक सिंह लग्न में भी घट स्थापना की जा सकती है. राहुकाल दोपहर 3:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक रहेगा. इस दौरान घटस्थापना न करें।
कलश स्थापना की विधि (Navratri 2024)
नवरात्रि के दिल कलश स्थापना के लिए पहले सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद मंदिर में चौकी रखें इसे थोड़ा सा सजाएं। चौकी के बायीं तरफ रोली या चावल से अष्टदल बनाए। इसके बाद इसके ऊपर कलश की स्थापना करें। याद रहे खाली कलश की स्थापना गलती से भी ना करें। कलश में गंगा जल, चावल, सुपारी, बताशा और सिक्का ये सब रखें। इसके बाद कलश पर फिर कलश पर कलावा लपेटें और उसके खुले भाग पर आम या अशोक के पत्ते रखें। इसके बाद कलश के ऊपर नारियल रखें. इसके अलावा दाहिनी ओर रखे चौकी पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें चुनरी पहनाएं और उनका आह्वान करें और फूल, मिठाई, नैवेद्य आदि अर्पित करें। फिर दाहिनी ओर घी का दीपक जलाएं और उनकी आरती करें। माँ। इसके बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों में बांट दें।
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