India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल के शिमला में शिक्षा की ओर जोर दिया गया। जहां इसी कड़ी में ग्रेजुएशन कोर्स में बड़ा अपडेट किया गया है। दरअसल हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुएशन कोर्स चार साल का होगा। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने अब इस संबंध में नया नोटिफिकेशन जारी किया है. यह फैसला नई शिक्षा नीति आयोग की ओर से लिया गया है. इस संबंध में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से 2 अप्रैल को आदेश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के नए आदेशों के मुताबिक नई शिक्षा नीति को लेकर दिसंबर 2022 में बैठक हुई थी. नई शिक्षा नीति के तहत इसकी रूपरेखा बनाई गई। इसके मुताबिक अब ग्रेजुएशन कोर्स चार साल का होगा. यह नियम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में लागू होगा।
नई शिक्षा नीति के मुताबिक, तीन या चार साल के कोर्स के दौरान एंट्री और एग्जिट के विकल्प होंगे। एक वर्ष के अध्ययन (दो सेमेस्टर) के लिए डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। साथ ही, दो साल पूरे करने पर आपको डिप्लोमा मिलेगा और तीन साल के लिए बैचलर डिग्री और चार साल के लिए बैचलर (ऑनर्स) की डिग्री मिलेगी। एक वर्ष के बाद पाठ्यक्रम छोड़ने वाले छात्रों को 40 क्रेडिट स्कोर करना होगा। तभी उन्हें यूजी सर्टिफिकेट मिलेगा।
साथ ही अगर ये छात्र दोबारा उसी कोर्स में लौटना चाहते हैं तो उन्हें तीन साल के भीतर दोबारा दाखिला लेना होगा और सात साल में कोर्स पूरा करना होगा। नई शिक्षा नीति के तहत कोई भी छात्र एक स्ट्रीम से दूसरे स्ट्रीम में जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश में लगभग 500 कॉलेज हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के अंतर्गत इसके कई कॉलेज और संस्थान हैं। इनमें सरकारी और निजी कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, अनुसंधान संस्थान, मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक कॉलेज, लॉ कॉलेज, बीएड कॉलेज और संस्कृत कॉलेज शामिल हैं। मंडी के सरदार पटेल विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुछ महाविद्यालयों को भी शामिल किया गया है। पहले ये कॉलेज एचपीयू के अधीन आते थे।
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