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Success Story: हिमाचल की बेटी ने ISRO की परीक्षा में लहराया परचम, पढ़े पूरी खबर

• LAST UPDATED : April 1, 2024

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Success Story: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल के गहिरा गांव की 13 वर्षीय अंतरा ठाकुर ने इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की लड़कियों की परीक्षा पास कर ली है। इस परीक्षा को पास करने के बाद अंतरा अब उत्तराखंड के देहरादून में इसरो द्वारा आयोजित दो सप्ताह के आवासीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में कई रोचक जानकारी सीखेगी।

अंतरा गहिरा गांव की निवासी है

अंतरा मूल रूप से सरकाघाट के गैहरा गांव की रहने वाली है, लेकिन वह शिमला में रहती है और वहीं पढ़ाई करती है। एक निजी कंपनी में अंतरा के पिता संतोष ठाकुर काम करते है। अंतरा की मां उर्मिल हाउस वाइफ है। अंतरा की एक छोटी बहन भी है. अंतरा के पिता संतोष ठाकुर ने बताया कि उनकी बेटी को विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान में गहरी रुचि है, जिसके चलते बेटी ने युविका कार्यक्रम के तहत आयोजित परीक्षा में भाग लिया और अब उसे पास कर लिया है. बेटी की सफलता से पूरा परिवार खुश है. खुशी का माहौल है.

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देशभर से साढ़े तीन लाख बच्चों ने परीक्षा दी

अपुष्ट जानकारी के मुताबिक, देशभर से 3.5 लाख बच्चों ने यह परीक्षा दी थी, जिसमें से सिर्फ 150 बच्चों का चयन हुआ। इन 150 बच्चों को अब इसरो द्वारा दो सप्ताह तक आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर किसी बच्चे में वैज्ञानिक बनने की तीव्र इच्छा पैदा हो जाए तो भविष्य में उसे इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए इसरो की ओर से हर संभव मदद दी जाती है।

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कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को दिया गया मौका

युविका का मतलब है ‘यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम’ जो इसरो द्वारा चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत उन स्कूली बच्चों को आगे आने का मौका दिया जाता है जो अंतरिक्ष और विज्ञान में रुचि रखते हैं। युविका कार्यक्रम के तहत इसरो द्वारा हर साल एक परीक्षा का आयोजन किया जाता है जिसमें कक्षा 9 में पढ़ने वाले बच्चे आवेदन कर भाग ले सकते हैं। परीक्षा के माध्यम से 150 मेधावी लोगों का चयन किया जाता है, जिन्हें इसरो द्वारा दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका पूरा खर्च इसरो उठाता है.

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