India News (इंडिया न्यूज़),MahaShivratri 2024: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 08 मार्च रात 09 बजकर 47 मिनट से महाशिवरात्रि पर्व की शुरूआत होगी। अगले दिन 09 मार्च शाम 06 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। इस साल 08 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि पर्व है। इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है। चलिए जानते है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्यों बेलपत्र की मान्यता है।
पूजा में बेलपत्र और जल का महत्व
शिव भगवान थ सभी देवी-देवताओं में सबसे भोले कहलाए जाते हैं। वो भक्तों से अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिवजी की पूजा के लिए एक लोटा जल और बेलपत्र ही काफी होता है। इसी से खुश होकर भगवान शिव खुश होकर भक्तों को मनचाहा वरदान दे देते हैं। कहते है शिवजी की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी है। इसलिए शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए।
क्यों पसंद है भगवान शिव को बेलपत्र?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव जी को पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ की पूजा की थी। जिससे भगवान शिव खुश हो गए थे। इसलिए तभी से भगवान शिव को खुश करने के लिए एक लोटा जल और बेलपत्र से पूजा करते है।
बेलपत्र का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने ही सबसे पहले भोलेनाथ की पूजा बेलपत्र से की थी। जिससे भगवान शिव जल्द खुश हो गए थे। माता पार्वती को भगवान शिव से प्रेम था इसलिए उन्होंने उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र से पूजा की थी। साथ ही इस महाशिवरात्रि के दिन जो भी शिव-गौरी की पूजा करता है उन्हें अच्छा जीवन साथी मिलता है।
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